शिवप्रसाद सितारेहिंद वाक्य
उच्चारण: [ shivepresaad sitaarehined ]
उदाहरण वाक्य
- राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद ने 1946 में जब ‘
- राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद ने ऐसा ही एक प्रयास किया था.
- राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद ने ऐसा ही एक प्रयास किया था.
- राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद ने अपनी “गुटका” में इस रचना को स्थान दिया।
- भारतेंदु के पूर्व राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद एवं राजा लक्ष्मण सिंह ने भी गद्य लेखन का कार्य किया पर उनकी भाषा दोषपूर्ण थी।
- आधुनिक खड़ी बोली गद्य की परंपरा की प्रतिष्ठा का श्रेय भारतेंदु बाबू हरिशचंद्र एवं राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद को प्राप्त है जिन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा एक सरल सर्वसम्मत गद्यशैली का प्रवर्तन किया।
- आधुनिक खड़ी बोली गद्य की परंपरा की प्रतिष्ठा का श्रेय भारतेंदु बाबू हरिशचंद्र एवं राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद को प्राप्त है जिन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा एक सरल सर्वसम्मत गद्यशैली का प्रवर्तन किया।
- साधनों की न्यूनता से इनकी निष्ठा सदैव अप्रभावित रही … ' 5 प्रारंभिक दौर में जो साहित्यकार खड़ी बोली को साहित्यिक समृद्धि प्रदान करने के लिए आगे आए उनमें राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद, सदल मिश्र, सल्लूलाल, देवकीनंदन खत्री प्रमुख थे.
- पर सवाल यह है कि क्या अमीर खुसरो की कृतियों मे सांप्रदायिकता की बू नहीं आती? क्या औरंगजेब मस्जिदें नहीं तुड़वाता था? शिवप्रसाद सितारेहिंद के इतिहासलेखन का हवाला देते हुए वैभव लिखते हैं कि ' अकबर जैसे सहिष्णु और उदार व्यक्ति की प्रशंसा से समन्वयवादी दृष्टि नहीं, बल्कि इतिहास की सांप्रदायिक दृष्टि ही मजबूत होती है।
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